ओउम
हम जिसकी पूजा करते है ,वैसा ही बनने का प्रयास करना चहिये .अगर कोई कहता है की मै राम जी की पूजा करता हू तो उसमे कुछ गलत नहीं है लेकिन अगर वह राम के गुणों को धारण नहीं कर सका तो सब व्यर्थ है. राम के जैसे तपस्वी बने,पित्रभाक्त बने और परिश्रमी बने...अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाये...
हम जिसकी पूजा करते है ,वैसा ही बनने का प्रयास करना चहिये .अगर कोई कहता है की मै राम जी की पूजा करता हू तो उसमे कुछ गलत नहीं है लेकिन अगर वह राम के गुणों को धारण नहीं कर सका तो सब व्यर्थ है. राम के जैसे तपस्वी बने,पित्रभाक्त बने और परिश्रमी बने...अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाये...