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Wednesday, 18 May 2011

वेदवाणी :आलस्य त्याग दो....

वेद में कहा गया है "हे मनुष्यों आलस्य तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु है इस से बचो,आलस्य कभी मत करो क्युकी यह हमेशा तुम्हारी प्रगति में बाधा देगा... हमेशा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए परिश्रम करने के लिए तैयार रहो"\
यदि हम इस बात पर विचार करे  और इसपर चलने का प्रयास करे  तो हम जरुर जीवन में विजयी होंगे....
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